माँ की ममता "माँ की ममता का दीवाना तो खुदा भी हो गया मंदिर मस्जिद छोड़ के गोकुल मे पैदा हो गया ||"
जिसने उतारे हल कंधो से , दी लगाम कमज़ोरों को वो अहिंसा का दोस्त , सविंधान का निर्माता छोड़ गया आंदोलन और शिक्षा विरासत में | सुना है अब कुछ, घुसपैठिये घुस आए है जो देते है तमग़े , ज़ीभ काटने व अपरहण कराने पे | जनता के लिए आम है ये सब , जो रहती है कर गुजरने पर कुछ भी हिंसक क्यूँकि शिक्षा परोसी जाती है सोशल ऐप के स्कूलों में ख़ैर ये पहिया है विकास का , घूमता है बिन रूके बुराई मरती है , चाहे रख ले बारह सिर के मुखौटे || -vpn 01/17/2021